Saturday, September 22, 2007
आगरा में यमुना पर कब्जे की कोशिश
कभी हमारी संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक माने जाने वाली और जीवन देने वाली नदी, ताल-तलैयों को अब हमारी नजर लग गई है। आबादी बढ़ने के साथ ज्यादा पैसे कमाने की चाहत में भू-माफियाओं और बिल्डरों ने पहले तो तालाबों-कुंओं को निगल लिया और अब जीवनदायिनी यमुना को भी निगलना शुरू कर दिया है। दिल्ली में कॉमनवेल्थ खेलों के बहाने यमुना पर कब्जा तो नजर आ रहा है, लेकिन इसके आगे चुप-चाप सदानीरा नदी को नाला बनाने की साजिश चल रही है। आगरा से होकर गुजरती यमुना के किनारे अब कान्हा और मुगल सम्राट शाहजहां के जमाने की खूबसूरती खो चुकी है। इन किनारों पर ऊंची-ऊंची इमारतें और फार्म हाउस बनने लगे हैं। उपग्रह से लिए गए चित्रों में इस तरह के अतिक्रमण का भयावह नजारा सामने आया है। आगरा के तीन किलोमीटर के दायरे में नदी के भीतर करीब सौ मीटर तक कब्जा हो चुका है। 12 किलोमीटर के दायरे में प्लॉटिंग तक हो चुकी है।
आगरा में यमुना को सिकंदरा से ताजमहल जाने में करीब 38 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। जबकि वायु मार्ग से यह दूरी आठ किलोमीटर के करीब है। इसी का फायदा यहां के बिल्डर उठा रहे हैं। यमुना में अवैध निर्माण चौंकाने वाली स्थिति में पहुंच चुका है। सेटेलाइट से खींची तस्वीरों के अनुसार बल्केश्वर में नदी के अंदर अंधाधुंध इमारतें बन चुकी हैं। दयालबाग स्थित नगला बूढ़ी में नदी के अंदर पूरी कालोनी बसाई जा रही है। दो बहुमंजिली इमारत यमुना में खड़ी हो चुकी है। हालांकि पानी कम होने के कारण देखने में नदी का फासला नजर आता है।दीवार खड़ी कर और मिट्टी डालकर निर्माण हो रहा है। इसके आगे बढ़ें तो यमुना को छूती हुई कालोनियां बसी हुई है। इनके सीवरेज का पानी सीधा यमुना में जाता है। यमुना के साथ-साथ पोइय्या घाट तक करीब 12 किलोमीटर क्षेत्र में नदी के किनारे प्लॉटिंग हो चुकी है। यह सब हो रहा है आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) और स्थानीय पंचायतों की मिलीभगत से। पर्यावरणविद् पवन जैन के अनुसार वायु एवं जल प्रदूषण नियंत्रण कानून 1974 के तहत नदी के वास्तविक स्वरूप में किसी भी प्रकार का निर्माण दंडनीय अवराध है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में दक्षिण भारत में मानसून ने कहर बरपा रखा था। दूसरी ओर बिहार और पश्चिम बंगाल अबतक बाढ़ को कोप झेल रहे हैं। अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नदियों पर कब्जे इसी तरह होते रहेंगे तो यमुना के खूबसूरत नजारे देखने के लिए बनाई गई कालोनियां डूब जाएंगी।
इधर सिटीजन एक्शन ग्रुप ने यमुना को बचाने के लिए दो अक्तूबर को धरना देने का फैसला किया है। इसके संयोजक व वरिष्ठ पत्रकार बृज खंडेलवाल ने बताया कि आगरा के संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पर यमुना रक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
-Sanmay Prakash.
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