Tuesday, February 12, 2008

होम्‍योपैथी में है बर्ड फ्लू की प्रिवेंटिव दवा

-सन्‍मय प्रकाश
एवियन एंफ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) से बचाव के लिये लाखों मुर्गियों को मारने और दहशत में रहने की जरूरत नहीं है। होम्‍योपैथी दवा की दो बूंद इस बीमारी का बचाव और इलाज कर सकती है। डॉक्‍टरों का दावा है कि ‘एंफ्लूएंजिनम-30’ व कुछ अन्‍य दवाएं मुर्गों और मनुष्‍यों को दी जाए तो बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं होगा। डॉक्‍टरों का कहना है कि सरकार अगर ध्‍यान दे तो पश्चिम बंगाल से बिहार की ओर बढ़ रहे बर्ड फ्लू को समाप्‍त किया जा सकता है। इससे राज्‍यों को हो रहे आर्थिक नुकसान को भी रोका जा सकेगा।

बर्ड फ्लू की वजह से पूरे देश में अधिकतर लोगों ने चिकन खाना छोड़ दिया है। परिणामस्‍वरूप पोल्‍ट्री उद्योग पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्‍तर प्रदेश व अन्‍य राज्‍यों के गांवों के घर-घर का यह उद्योग खत्‍म होता जा रहा है। पश्चिम बंगाल में अब तक कुल 37.82 लाख पक्षियों को मारा जा चुका है। इसके अलावा 80,033 किलोग्राम मुर्गी और 14,89,524 अंडों को नष्‍ट किये जा चुके हैं।

पोस्‍ट ग्रेजुएट इंस्‍टीट्यूट ऑफ होम्‍योपैथी, इलाहाबाद के निदेशक डॉ. एसएन सिंह, आगरा के चिकित्‍सक डॉ. पार्थ सारथी शर्मा और प्रसिद्ध चिकित्‍सक डॉ. रामजी दुबे ने दावा किया है कि ‘एंफ्लूएंजिनम-30’ दवा खाने के बाद किसी को बर्ड फ्लू नहीं होगा। डॉ. पार्थ सारथी के अनुसार मुर्गों को मारना इस रोग से बचाव का एक बहुत महंगा तरीका है। साथ ही इसे मारने के दौरान कई असावधानियां बरती जा रही हैं। ऐसे समय में होम्‍योपैथी दवा की दस बूंदें पानी में डालकर मुर्गों को पिला देनी चाहिए। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और वायरस का संक्रमण नहीं होता है। इसी दवा को चिकन गुनिया और डेंगू से बचने के लिये भी दिया जाता है। वर्ष 2006 में आगरा में ‘एंफ्लूएंजिनम-30’ का प्रयोग कर हजारों लोगों ने दोनों बीमारियों की प्र‍तिरोधक क्षमता बना ली थी।

डॉ. रामजी दुबे का मानना है कि मुर्गों को मारना अच्‍छा विकल्‍प नहीं है। इस तरह हम छोटे-छोटे उद्योगों को तबाह कर रहे हैं। स्‍वस्‍थ मुर्गों व लोगों को प्रिवेंटिव दवा दी जानी चाहिए और बीमार मरीजों को बेलाडोना, रॉसटॉक्‍स व इयूपेटोरियम आदि दवाएं लक्षण के अनुसार दी जानी चाहिए। वरिष्‍ठ चिकित्‍सक डॉ. एसएन सिंह ने भी कहा कि सरकार को युद्ध स्‍तर पर ‘एंफ्लूएंजिनम-30’ दवा की खुराक देना बहुत जरूरी है। वरना देश को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

3 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

सूचना के लिए धन्यवाद। सभी दवाइयां काम की हैं। पर इस में ल्युकेटोरियम गलत लिखा है इसे इयूपेटोरियम होना चाहिए।

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

दिनेशराय जी, आपके सुझाव पर अमल करते हुए मैंने दवा के नाम की गलती ठीक कर ली है।