-सन्मय प्रकाश -
आम जनता की सेहत और गाढ़ी कमाई को सरकार ने आयोडीन नमक के नाम पर कंपनियों के सामने न्योछावर कर दिया है। नमक के नाम पर बहुराष्ट्रीय कंपनियां जनता को धोखा दे रही हैं। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पहली बार माना है कि फल, सब्जी, दूध, दही, मांस, मछली और पानी में आयोडीन की भरपूर मात्रा है। चिकित्सकों का कहना है कि इसके बाद भी नमक में जबरदस्ती आयोडीन खिलाने से हाइपो थाइरायड सहित कई बीमारियां हो रही हैं। लोगों को आयोडीन युक्त नमक नहीं खाना चाहिए।
आयोडीन की अधिकता से बीमारी होने के मामले को सांसद अली अनवर ने राज्सभा में सवाल उठाया था। पिछले सप्ताह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रार्यमंत्री पी लक्ष्मी ने जवाब देते हुए कहा है कि आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में हुए शोध में साबित हुआ है कि खाने की वस्तुओं में आयोडीन पर्याप्त मात्रा में है। आगरा में हाइपो थाइरायड के मरीजों की संत्रया बहुत र्यादा है। औसतन प्रत्येक घर के एक सदस्य को हाइपो थाइरायड की बीमारी है।
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. एके गुप्ता का कहना है कि रिसर्च का दूसरा फेज अब शुरू होगा। अब तक के शोध से पता चला है कि जिन घरों में आयोडीन का प्रयोग होता है, वहां भी घेघा की बीमारी है। उनका कहना है कि आयोडीन के ज्यादा सेवन से शरीर में ट्राईआयडोथाइरोनीन, थायरॉक्चसीन हार्मोन बनना कम हो जाता है। जो बीमारी आयोडीन की कमी से होती है वही बीमारी इसकी अधिकता से हो जाती है। वे मरीजों को साधारण नमक या सेंधा नमक खाने की सलाह देते हैं। आगरा का लायर्स कालोनी, शास्त्रीपूरम के डावली कालोनी और किरावली के कुछ गांव उदाहरण हैं, आयोडीन की अधिकता से हो रही बीमारियों के। इन कालोनियों में सौ से अधिक परिवार हैं जिनके घर के सभी सदस्यों को थायरॉयड है।
दरअसल, बहुराष्ट्रीय कंपनियों का बाजार के कारण ही हर आम आदमी को आयोडीन नमक खिलाने का अभियान सरकार ने चला रखा है। एक रुपये का नमक दस रुपये में बेचा जा रहा है। केवल पहाड़ी इलाकों में खाद्य पदार्थ में आयोडीन की कमी पाई गई है। आयोडीन नमक केवल इन्हीं जगहों के लोगों को खिलाना चाहिए।
संसद में सरकार एक तरफ कहती है कि आयोडीन खाद्य पदार्थ में पूरी मात्रा में मिल रही है, लेकिन दूसरी ओर साधारण नमक पर प्रतिबंध भी लगा रखा है। डॉक्चटरों का कहना है कि नियम का अर्थ यह है कि लोगों को बिना आयोडीन वाला नमक कभी नहीं मिलेगा। आयोडीन की अधिकता से तमाम बीमारियों झेलनी ही होगी। इन बीमारियों से बचने का एक ही उपाय है सेंधा नमक का प्रयोग।
रासायनशास्त्र के प्रोफेसर डॉ.अशोक कुमार का कहना है कि साधारण नमक से आयोडाइर्ड नमक बनाने के दौरान रासायनिक प्रक्रिया से गुजारा जाता है। इस दौरान आयरन, कैल्शियम, जिंक आदि बाहर निकाल जाता है। इसके ऊपर पोटाशियम आयोडाइड नामक रसायन डाला जाता है। इसका बड़ा नुकसान है ऑक्सीडाइजिंग एजेंट। इसकी वजह से शरीर में कुछ हार्मोन और एंजाइम आदि भी ऑक्सीडाइजिंग करने की प्रवृत्ति रखते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आयोडीन कितनी मात्रा में मिला है। भूजल में आयोडीन पूरी मात्रा में देश के मैदानी इलाकों में है।
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